झांसी न्यूज डेस्क: झांसी के बरुआसागर में अदरक मंडी को लेकर किसानों में भारी आक्रोश है। मंगलवार को यहां बड़ी संख्या में किसान एकत्र हुए और मंडी प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। किसानों का आरोप था कि मंडी में उनकी उपज औने-पौने दाम में खरीदी जा रही है, जिससे उन्हें भारी नुकसान हो रहा है। इसी प्रदर्शन के दौरान एक किसान अचानक चक्कर खाकर गिर पड़ा, जिससे मौके पर हड़कंप मच गया और किसानों का गुस्सा और बढ़ गया।
प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा कि थोक व्यापारी उन्हें बीज तो महंगे बेचते हैं, लेकिन उपज के समय बेहद कम दाम देते हैं। अदरक और अरबी जैसे उत्पादों के बीज उन्हें 10 गुना महंगे पड़ते हैं, जबकि उपज की कीमत मात्र 12 रुपए प्रति किलो दी जा रही है। ऐसे में उनकी लागत भी नहीं निकल रही। किसान कर्ज लेकर खेती कर रहे हैं और अब भुगतान की स्थिति में भी नहीं हैं। उन्होंने बताया कि मंडी प्रशासन बार-बार शिकायत करने पर भी ध्यान नहीं दे रहा, जिससे मानसिक तनाव में एक किसान की तबीयत भी बिगड़ गई।
बरुआसागर देशभर में अदरक की खेती के लिए जाना जाता है। यहां हर साल लगभग 75 हजार क्विंटल अदरक का उत्पादन होता है, लेकिन किसानों को उसकी वाजिब कीमत नहीं मिल पा रही। किसान ऑर्गेनिक तरीके से अदरक उगा रहे हैं, लेकिन न तो मंडी में सही दाम मिलते हैं, न ही डाक (बोली प्रक्रिया) की पारदर्शिता होती है। इसका सीधा असर उनकी कमाई और जीवनस्तर पर पड़ रहा है।
अब किसानों को नाबार्ड की GI टैग दिलाने की प्रक्रिया से उम्मीदें हैं। यदि बरुआसागर के अदरक को GI टैग मिल जाता है तो उसकी प्रोसेसिंग और पैकेजिंग आसान हो जाएगी, जिससे उन्हें बाजार में बेहतर दाम मिल सकते हैं। इससे उनकी आय में भी बढ़ोतरी हो सकती है। हालांकि फिलहाल यह प्रक्रिया शुरू हुई है और इसका फायदा मिलने में अभी थोड़ा वक्त लग सकता है।